जस्टिस संजीव खन्ना ने भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश (चीफ जस्टिस) के रूप में अपनी जिम्मेदारी संभाली। इस महत्वपूर्ण अवसर पर राष्ट्रपति भवन में एक औपचारिक शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।
जस्टिस संजीव खन्ना का भारतीय न्यायपालिका में एक लंबा और समृद्ध अनुभव रहा है। उनके पास कानून के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई का अनुभव है, जिसमें उन्होंने अपने निष्पक्ष निर्णयों के माध्यम से न्यायपालिका में एक अलग पहचान बनाई है। उनके मुख्य न्यायाधीश के पद पर नियुक्त होने से न्यायपालिका में न केवल पारदर्शिता की उम्मीद बढ़ी है, बल्कि उनके नेतृत्व में न्यायिक सुधार की गति भी तेज होने की संभावना जताई जा रही है।
जस्टिस खन्ना का करियर
जस्टिस खन्ना ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली में प्राप्त की और बाद में कानून की पढ़ाई भी यहीं से की। उनके परिवार का जुड़ाव भी न्यायिक क्षेत्र से रहा है, जिससे उन्होंने अपने शुरुआती दिनों में ही कानून के प्रति गहरी रुचि विकसित की। अपने करियर की शुरुआत उन्होंने एक वकील के रूप में की, लेकिन जल्द ही उनकी काबिलियत और कानून के प्रति उनकी समझ के कारण उन्हें उच्च न्यायालय में नियुक्ति मिली। उच्च न्यायालय में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण निर्णय दिए, जो आज भी मिसाल माने जाते हैं।
चीफ जस्टिस के रूप में उनकी प्राथमिकताएँ
मुख्य न्यायाधीश के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान जस्टिस खन्ना का मुख्य उद्देश्य न्यायिक प्रक्रियाओं में तेजी लाना और लंबित मामलों के समाधान में सुधार करना है। उनके अनुसार, न्याय तक पहुंच हर व्यक्ति का अधिकार है, और वे इस दिशा में कई नई पहल करने की योजना बना रहे हैं। इसके साथ ही, जस्टिस खन्ना तकनीकी सुधार और डिजिटलाइजेशन पर भी जोर दे रहे हैं ताकि न्यायिक प्रणाली को अधिक सुगम और सुलभ बनाया जा सके।
शपथ ग्रहण के बाद जस्टिस खन्ना ने अपने संबोधन में कहा कि वे इस जिम्मेदारी को पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ निभाने का संकल्प लेते हैं। उन्होंने भारतीय न्यायपालिका के उच्च आदर्शों का पालन करने का वादा किया और कहा कि वे जनता की आशाओं पर खरा उतरने का प्रयास करेंगे।
जस्टिस खन्ना के चीफ जस्टिस बनने से न्यायपालिका में सुधार की उम्मीद की जा रही है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि वे अपने कार्यकाल में किस प्रकार से न्यायिक प्रणाली को और मजबूत व पारदर्शी बनाने में योगदान देते हैं।
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