छठ पूजा एक महत्वपूर्ण और प्राचीन पर्व है, जो मुख्य रूप से बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश, और नेपाल के तराई क्षेत्रों में मनाया जाता है। यह पर्व सूर्य देवता और छठी माई की आराधना के रूप में मनाया जाता है, जिसमें व्रती (व्रत करने वाले) सूर्योदय और सूर्यास्त के समय सूर्य को अर्घ्य देते हैं। छठ पूजा का मुख्य उद्देश्य सूर्य की उपासना कर धन्यवाद देना और सुख, शांति, और समृद्धि की कामना करना होता है।
छठ पूजा का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व:
- सूर्य की आराधना: छठ पूजा में सूर्य देवता की पूजा की जाती है क्योंकि वे ऊर्जा, शक्ति और जीवन के स्रोत माने जाते हैं। सूर्य की किरणें हमारे जीवन को शक्ति और स्वास्थ्य प्रदान करती हैं।
- छठी माई की पूजा: छठ पूजा में छठी माई का भी विशेष महत्व है। मान्यता है कि छठी माई संतान की रक्षा और परिवार की खुशहाली का आशीर्वाद देती हैं। इसीलिए माताएं इस व्रत को पूरी श्रद्धा से करती हैं।
- स्वास्थ्य और शुद्धता: छठ पूजा के दौरान व्रती (व्रत करने वाले) कई दिनों तक सात्विक आहार ग्रहण करते हैं और नदी या तालाब के स्वच्छ जल में स्नान करते हैं। यह पूजा शारीरिक और मानसिक शुद्धता का प्रतीक मानी जाती है।
- धैर्य और त्याग: छठ पूजा के कठिन व्रत और अनुष्ठान धैर्य, संकल्प, और संयम का प्रतीक हैं। व्रत में लगातार बिना पानी पिए रहना और कठिन विधियों का पालन करना व्रती के आत्मसंयम को दिखाता है।
छठ पूजा करने की विधि
छठ पूजा चार दिनों का पर्व है, जिसमें श्रद्धालु पूरी आस्था और नियमों के साथ सूर्य देवता और छठी माई की पूजा करते हैं। प्रत्येक दिन की अलग-अलग विधि होती है, जो इस प्रकार है:
1. पहला दिन – नहाय खाय
- छठ पूजा का पहला दिन ‘नहाय खाय’ कहलाता है। इस दिन व्रती (व्रत करने वाला) गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान करता है और घर की सफाई कर शुद्धता का ध्यान रखता है।
- व्रती इस दिन केवल एक बार भोजन करते हैं, जिसमें लौकी और चने की दाल का सादा भोजन बनता है।
- भोजन में लहसुन-प्याज का उपयोग नहीं किया जाता, और यह भोजन शुद्ध घी में बनता है।
2. दूसरा दिन – खरना
- दूसरे दिन को ‘खरना’ कहा जाता है। इस दिन व्रती पूरे दिन उपवास रखते हैं और संध्या समय विशेष प्रसाद बनाते हैं।
- प्रसाद में गुड़ की खीर, रोटी और फल का सेवन किया जाता है।
- इस दिन का प्रसाद शुद्धता से तैयार किया जाता है और रात में व्रती इसे ग्रहण कर उपवास की शुरुआत करते हैं।
3. तीसरा दिन – संध्या अर्घ्य
- तीसरे दिन व्रती पूरे दिन उपवास रखते हैं, और शाम को सूर्यास्त के समय सूर्य देवता को पहला अर्घ्य (जल चढ़ाना) देते हैं।
- व्रती नए कपड़े पहनकर नदी या तालाब के किनारे सूर्य को अर्घ्य देते हैं और छठी माई से संतान, सुख-समृद्धि और शांति की कामना करते हैं।
- प्रसाद में ठेकुआ, मालपुआ, केला और अन्य फल शामिल होते हैं जो बांस की टोकरी में रखे जाते हैं।
4. चौथा दिन – उषा अर्घ्य
- चौथे दिन यानी छठ पूजा के अंतिम दिन व्रती सूर्योदय के समय उगते सूर्य को अर्घ्य देते हैं। इसे ‘उषा अर्घ्य’ कहा जाता है।
- यह अर्घ्य भी नदी या तालाब के किनारे दिया जाता है, और व्रती सूर्य की पहली किरणों का दर्शन कर उनसे आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
- उषा अर्घ्य के बाद व्रती प्रसाद लेकर व्रत का पारण (समापन) करते हैं और परिवार के अन्य लोगों को प्रसाद वितरित करते हैं।
छठ पूजा के महत्वपूर्ण बिंदु:
- छठ पूजा में प्रसाद शुद्धता और पवित्रता से बनाया जाता है। किसी भी प्रकार का मिलावट या अशुद्धता का ध्यान नहीं रखा जाता।
- इस पूजा में बांस की टोकरियों का विशेष महत्व होता है, जिनमें प्रसाद रखा जाता है।
- छठ पूजा में व्रती का संकल्प और शुद्धता का पालन बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।
छठ पूजा की वैज्ञानिक दृष्टि से महत्व:
- सूर्य की किरणों का स्वास्थ्य पर प्रभाव: इस पर्व के दौरान, सूर्य को अर्घ्य देने का समय सूर्योदय और सूर्यास्त का होता है। यह वह समय होता है जब सूर्य की किरणें हमारे स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी होती हैं। इसका लाभ हमारे शरीर और मानसिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डालता है।
- प्रकृति के प्रति कृतज्ञता: छठ पूजा के माध्यम से प्रकृति और जीवन के प्रति आभार प्रकट किया जाता है। यह पर्व हमें प्रकृति और पर्यावरण के प्रति जागरूक बनाता है।
छठ पूजा का सामाजिक महत्व:
छठ पूजा समाज में एकता और भाईचारे को बढ़ावा देती है। इस पर्व के दौरान लोग नदी या तालाब के किनारे सामूहिक रूप से पूजा करते हैं, जो सामुदायिक भावना को बढ़ावा देता है। इसमें जाति, धर्म, और वर्ग की सीमाएं नहीं होतीं, और सभी लोग मिलकर इस पूजा में भाग लेते हैं।
छठ पूजा का यह पावन पर्व त्याग, श्रद्धा, और आध्यात्मिक शुद्धता का प्रतीक है। यह हमें प्रकृति, स्वास्थ्य, और आत्मसंयम का महत्व सिखाता है, जो हमारे जीवन में संतुलन बनाए रखने में सहायक है।
छठ पूजा की हार्दिक शुभकामनाएँ
- छठी माई की कृपा से आपका जीवन खुशियों से भर जाए, सुख-समृद्धि आपके घर में हमेशा बनी रहे। छठ पूजा की हार्दिक शुभकामनाएँ।
- छठ पूजा का पावन पर्व आपके जीवन में नई ऊर्जा, नई उम्मीदें और खुशियों की बहार लाए। आपको और आपके परिवार को छठ पर्व की ढेर सारी शुभकामनाएँ।
- सूर्य देव की कृपा से आपके सभी कष्ट दूर हों और आपका जीवन खुशियों से भर जाए। छठ पूजा की शुभकामनाएँ।
- छठ माई की कृपा से आपकी हर मनोकामना पूरी हो और आपके घर में सुख, शांति और समृद्धि का वास हो। छठ पूजा की बधाई।
- छठ पूजा का यह पर्व आपके जीवन में नई उमंग और नई ऊर्जा का संचार करे। सूर्य देव आपके परिवार पर अपनी कृपा बनाए रखें। छठ पूजा की हार्दिक शुभकामनाएँ।
- छठी माई का आशीर्वाद आपके जीवन में सदा बना रहे और आपके घर में खुशियों का माहौल हो। छठ पूजा की ढेरों शुभकामनाएँ।
- इस पावन अवसर पर सूर्य देव से यही प्रार्थना है कि आपकी हर मनोकामना पूरी हो और आपके जीवन में खुशहाली बनी रहे। छठ पूजा की हार्दिक शुभकामनाएँ।
- छठ पूजा के इस पावन पर्व पर आपके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का वास हो। छठ माई की कृपा सदा आप पर बनी रहे।
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